दिवाळी विशेष
एक कॉफी तेरे साथ
एक कॉफी तेरे साथ होनी थी
मेरे दिल की ईतननीसी ख्वाईश थी
बस, एक कॉफी तेरे साथ होनी थी|
जहाँ जाए तू , निगाहे मेरी तेरे साथ चलती थी
जो ना दिखे तू , कुछ बेचैन सी ये हो जाती थी,
मेरे दिल की ईतनीसी ख्वाईश थी
बस, एक कॉफी तेरे साथ होनी थी|
तेरे गलतिया भी सही लगती थी, लोगों की अच्छाई भी बूरी लगती थी,
दुनिया से कुछ वास्ता न था, मेरी जिंदगी तो तेरे ख्वाबो में बस चुकी थी,
मेरे दिल की ईतनींसी ख्वाईश थी
बस एक कॉफी तेरे साथ होनी थी|
तेरी एक आहट धडकनें बढा देती थी, चाहत कुछ इस कदर हो चुकी थी ,
न दिन की रोशनी न रात की खामोशी मेहसुस होती थी, इन आंखों मे तेरी नमी रहती थी,
मेरे दिल की ईतनीसी ख्वाईश थी
बस एक कॉफी तेरे साथ होनी थी|
मुझे अपनी जिंदगी बनालो , ऐसी मेरी जिद नही थी
कुछ पल तेरे साथ गुजर जाए , ये दुआ मेरी वक्त से थी ,
बात बस एक कॉफी की थी , उन हसीन पलो को कैद करने की थी ,
मेरे दिल की अधुरीसी वो ख्वाईश थी
बस एक कॉफी तेरे साथ होनी थी|
3 Comments
खूप सुंदर...
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery nice
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